मध्य प्रदेश की विधानसभा के फ्लोर पर सत्ता का टेस्ट फिलहाल टल गया है, लेकिन सत्ता के गलियारों में सरगर्मी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा के 106 विधायक नाराजगी जताने राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टंडन के सामने परेड की। शिवराज ने राज्यपाल को 106 विधायकों के साथ का पत्र भी सौंपा। राज्यपाल ने पूछा कि यहां सभी लोग स्वेच्छा से आए हैं? विधायकों ने कहा- हां। फिर राज्यपाल ने कहा कि निश्चिंत रहें, आपके अधिकारों के हनन नहीं होगा। लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी मेरी है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ रणछोड़दास हैं। उनकी सरकार को कोरोनावायरस भी नहीं बचा सकता।
इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन 36 पन्नों के अभिभाषण के साथ विधानसभा तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने एक मिनट से भी कम वक्त लेकर आखिरी पन्ने का आखिरी पैरा ही पढ़ा। इसके बाद राज्यपाल ने हिदायती लहजे में ‘लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वहन’ करने की बातें कहीं। इशारा मुख्यमंत्री कमलनाथ और स्पीकर एनपी प्रजापति की ओर ही था। इसके महज 5 मिनट बाद स्पीकर ने अपने ‘अधिकारों का निर्वहन’ करते हुए काेरोनावायरस के खतरों का हवाला देकर 26 मार्च तक कार्यवाही स्थगित कर दी। 26 मार्च यानी ठीक वही तारीख, जिस दिन राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। इसके ये मायने हैं कि फ्लोर टेस्ट 26 मार्च तक टल गया है, लेकिन शर्तें लागू हैं क्योंकि...