पग्नेश्वर पुल पर बाढ़ का पानी रहने से इस बार एनएच 146 का रायसेन-सांची मार्ग लगातार 15-15 दिन तक बंद रहा है। ऐसा इसलिए की पग्नेश्वर नदी पर बने 75 साल पुराने पुल पर बेतवा का पानी आ जाता था और पुल, बाढ़ के पानी में डूब जाता था।
यह रायसेन, भोपाल और विदिशा जिले सहित अन्य जिलों के लोगों को इससे काफी परेशानियां होती थी। लेकिन अब 9 करोड़ रुपए की लागत से नया पुल बनकर तैयार हो गया है। इस पुल से आवागमन भी शुरू हो गया है। पुल की ऊंचाई अधिक होने से अब बाढ़ के समय भी सांची-विदिशा मार्ग से आवागमन बंद नहीं हाेगा और पूरे साल रायसेन और सांची की कनेक्टिविटी बनी रहेगी।
ऊंचाई : 7 पाए वाले पुल की 11 मीटर है ऊंचाई
पग्नेश्वर पुल पर बने पुराने पुल की ऊंचाई महज 3 मीटर ही थी। इसके चलते पुल पर बार-बार बाढ़ का पानी आ जाता था। जबकि पग्नेश्वर गांव के पास बेतवा नदी पर बने नए पुल की ऊंचाई 11 मीटर रखी गई है। इस पुल में 7 पाए और दो अबेटमेंट है।
चौड़ाई : 10 मीटर है, चार बड़े वाहन निकल सकते हैं
नवनिर्मित पग्नेश्वर पुल की चौड़ाई भी इतनी रखी गई है कि चार बड़े वाहन भी एक साथ निकल सकते हैं। इस पुल पर डाले गए स्लैब की चौड़ाई 10 मीटर रखी गई है। इससे पुल पर ट्रैफिक जाम लगने जैसी समस्याएं नहीं आएंगी।
डामरीकरण : 10 दिसंबर के पहले पूरा कर लिया जाएगा
पुल से वाहन तो गुजरने लगे हैं लेकिन पुल के दोनों छोर को जोड़ने वाले सड़क का अभी डामरीकरण होना बाकी है। ठेकेदार कंपनी आशीष इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट मैनेजर टीके गौतम का कहना है कि 10 दिसंबर के पहले डामरीकरण का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद फर्राटे से वाहन निकल सकेंगे, आैर लोगों को परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
पूरा होने में हो गई 8 महीने की देरी
सांची से रायसेन होते हुए भोपाल तक की 54 किमी लंबी सड़क का डामरीकरण और इस बीच दो मेजर पुल सहित 86 पुल और पुलिया का निर्माण 167 करोड़ रुपए की लागत से किया जाना था। एनएचएआई की गाइड लाइन के मुताबिक जून 2017 से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का काम मार्च 2019 तक पूरा हो जाना चाहिए था। लेकिन आठ महीने बीत जाने के बाद भी सड़क प्रोजेक्टर में अभी कुछ काम अधूरा है। काम पूरा होने के बाद लोगों को सुविधा हो जाएगी।